Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
1 परमेसर अऊ परभू यीसू मसीह के सेवक याकूब कोति ले, ए चिट्ठी ओ बारह गोत्र के मनखेमन ला लिखे जावत हवय, जऊन मन संसार म एती-ओती बगर गे हवंय। तुमन जम्मो झन ला जोहार मिलय[a]।
लोभ अऊ परिछा
2 हे मोर भाईमन, जब तुम्हर ऊपर नाना किसम के परिछा आथे, त एला बड़ आनंद के बात समझव, 3 काबरकि तुमन जानत हव कि तुम्हर बिसवास के परखे जाय ले तुम्हर धीरज ह बढ़थे। 4 पर धीरज ला अपन काम करन देवव कि तुमन पूरा अऊ सिद्ध हो जावव अऊ तुमन म कोनो बने बात के कमी झन रहय।
5 कहूं तुमन ले कोनो म बुद्धि के कमी हवय, त ओह परमेसर ले मांगय, जऊन ह बिगर गलती देखे, जम्मो झन ला खुला मन ले देथे अऊ एह ओला दिये जाही। 6 पर ओह बिसवास के संग मांगय अऊ ओकर मन म कुछू संका झन रहय, काबरकि संका करइया ह समुंदर के लहरा के सहीं अय, जऊन ह हवा ले एती-ओती बहथे अऊ उछलथे। 7 अइसने मनखे ह ए झन सोचय कि ओला परभू ले कुछू मिलही। 8 ओह दुचित्ता मनखे ए अऊ ओह अपन जम्मो काम म चंचल ए।
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