Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
2 मेंह चाहथंव कि तुमन जान लेवव कि तुमन बर अऊ जऊन मन लौदीकिया सहर म हवंय, ओमन बर अऊ ओ जम्मो झन जऊन मन मोर चेहरा नइं देखे हवंय ओमन बर, मेंह कतेक कठोर मिहनत करत हवंव। 2 मेंह ए मिहनत एकरसेति करत हवंव, ताकि ओमन उत्साहित होवंय अऊ मया म एक होके रहंय; अऊ ओमन ला पूरा समझ के जम्मो धन मिलय; अऊ ओमन परमेसर के भेद ला जानंय, अऊ ओ भेद ह मसीह अय; 3 जऊन म बुद्धि अऊ गियान के जम्मो भंडार छुपे हवय। 4 मेंह तुमन ला ए बात एकरसेति कहत हंव, ताकि कोनो तुमन ले भरमाने वाला बात करके धोखा झन देवय। 5 हालाकि मेंह देहें के मुताबिक तुमन ले दूरिहा हवंव, पर आतमा म मेंह तुम्हर संग हवंव, अऊ मेंह ए देखके खुस हवंव कि तुमन सही जिनगी जीयत हवव अऊ मसीह म तुम्हर बिसवास ह मजबूत हवय।
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