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10 “मुला हाथ, अब मइँ वइसा नाहीं कइ सकत।
मोका खुद आपन जिन्नगी स घिना अहइ एह बरे मइँ अजाद भाव स आपन दुखड़ा रोउब।
    मोरे मने मँ कडुआहट भरी अहइ एह बरे अब मइँ बोलब।
मइँ परमेस्सर स कहब ‘मोह पइ दोख जिन लगावा।
    मोरे खिलाफ तोहरे लगे लगावइ बरे का अहइ?
हे परमेस्सर, का तू मोका चोट पहोंचाइके खुस होत ह
    अइसा लगत ह जइसे तोहका आपन सृस्टि बरे कउनो चिंता नाहीं अहइ।
    अउर सायद, तू दुस्टन क कुचालन क पच्छ लेत अहा।
हे परमेस्सर, का तोहर आँखिन मनई क समान अहइँ?
    का तू चिजियन क अइसे ही लखत ह, जइसे मनइयन लखा करत हीं।
का तोहार आयु हम जइसे मनइयन क तरह अल्प अहइ?
    का तोहार जिन्नगी हम मनइयन क जइसे अल्प अहइ?
तू मोर गलतियन खोजत ह
    अउर मोरे पापन क हेरत ह।
तू जानत ह कि मइँ निरपराध हउँ
    मुला मोका कउनो भी तोहर सक्ती स बचाइ नाहीं सकत।
परमेस्सर, तू मोका रच्या अउर तोहर हाथन मोरे तन क सँवारेन,
    मुला अब ही मोरे खिलाफ होइ गया अउर मोका नस्ट करत अहा।
हे परमेस्सर, याद करा कि तू मोका चिकनी माटी स मढ़या,
    मुला अब तू ही मोका फुन स धूलि मँ बदलब्या।
10 तू मोका दुधे क नाई उड़ेरत ह,
    तब तू मोका दही बनावत ह अउर निचोड़त ह अउर फुन तू मोका दुधे स पनीर बनावत ह।
11 तू मोका हाड़न अउ माँस पेसियन स बनाएस ह।
    तू मोका चमड़ी अउ माँस स ढँकेस ह।
12 तू मोका जिन्नगी क दान दिहा अउर मोरे बरे दयालु रहया।
    तू मोरे धियान राख्या अउर तू मोरे प्राणन क रखवारी किहा।
13 मुला इ उ अहइ जेका तू आपन मने मँ छुपाए राख्या।
    मइँ जानत हउँ कि इ उ अहइ जेकर तू आपन मने मँ गुप्त रुप स जोजना बनाया ह।
14 अगर मइँ पाप किहेउँ तउ तू मोका लखत रहया।
    यह बरे तू मोका निर्दोख घोसित नाहीं कर सकत्या ह काहेकि मइँ बुरा काम किहेउँ ह।
15 अगर मइँ दुस्ट जइसा बेउहार किहेउँ ह
    तउ तू मोका इ सब झेलइ चाही।
अगर मइँ निरपराध भी हउँ
    तउ भी आपन मूँड़ नाहीं उठाइ पउतेउ
काहेकि मइँ लज्जा
    अउ पीरा स भरा भवा हउँ।
16 इ अइसा ही लागत ह
    कि तोहका सिंह क तरह मोर सिकार करइ पसन्द ह।
    तू आपन सक्ती मोर खिलाफ बार-बार देखावत ह।
17 तू मोरे खिलाफ सदा ही कउनो न कउनो क नवा गवाह बनावत ह।
    तोहर किरोध मोरे खिलाफ
अउर जियादा भड़क उठी
    अउर मोरे खिलाफ तू नई नई दुस्मन क सेना लिअउब्या।
18 हे परमेस्सर, तू मोका काहे जन्म दिहा?
    एहसे पहिले कि मोका कउनो लख सकत कास!
    मइँ मरि जातेउँ!
19 कास! मइँ जिउत न रहतेउँ।
    कास! मोका माता क गर्भ स सोझइ ही कब्रा मँ उतार दीन्ह जातेउँ!
20 मोर जिन्नगी करोब करीब खतम होइ चुकी अहइ।
    कृपा कइके मोका अकेल्ले रही दया।
    ताकि मइँ इ अल्प समइ क अनन्द लेइ सकब।
21 एहसे पहिले कि मइँ हुआँ चला जाउँ स कबहुँ मइँ वापस नाहीं आइ सकउँ,
    जउन जगह पइ अँधियारा अउर घोर अन्धाकर बाटइ,
22 जउन तनिक समइ बचा अहइ मोका जिअइ लेइ दया।
    एहसे पहिले कि मइँ हुआँ चला जाउँ जउने जगह क कउनो लखि नाहीं पावत,
    अँधियारा क जगह, छाया अउर गड़वड़ क जगह,
    उ जगह पइ जहाँ रोसनी भी अँधियारा स भरी होत ह।’”