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यहोवा क बड़कई करा।
हे यहोवा क सेवको,
    यहोवा क नाउँ क बड़कई करा।
तू लोग मन्दिर मँ खड़ा अहा।
    यहोवा क नाउँ क बड़कई करा।
तू लोग मन्दिर क आँगन मँ खड़ा ह्वा।
    ओकरे नाउँ क बड़कई करा।
यहोवा क बड़कई करा काहेकि उ खरा अहइ।
    ओकरे नाउँ क गुण गावा काहेकि उ आन्नदायक अहइ।

यहोवा याकूब क चुने रहा।
    इस्राएल परमेस्सर क अहइ।
मइँ जानत हउँ, यहोवा महान अहइ।
    हमार सुआमी दूसर देवन स महान अहइ।
यहोवा जउन कछू चाहत ह सरग मँ, अउर धरती पइ,
    समुद्दर मँ या गहिर महासागरन मँ, करत ह।
यहोवा धरती पइ सब कहूँ बादरन क रचत ह।
    उ बिजुरी अउ बर्खा क रचत ह।
    उ हवा क ओकर जगह स निकारत ह।
परमेस्सर मिस्र मँ मनइयन अउ गोरुअन क सबहिं पहिलउटी बच्चन क नास कइ दिहस।
यहोवा मिस्र मँ बहोत स अद्भुत अउर अचरज भरे कामन किहस।
    उ फिरौन अउ ओकरे सब अधिकारियन क खिलाफ अद्भुत बातन क दिखाएस।
10 परमेस्सर बहोत स देसन क हराएस।
    परमेस्सर बलवान राजा लोगन क मारेस।
11 यहोवा एमोरियन क राजा सीहोन क हराइ दिहस।
    उ बासान क राजा ओग क हराएस।
    उ कनान क सारी राज्जन क हराएस।
12 यहोवा ओनका ओनकर धरती क अधिकार क रूप मँ दिहेस, उ इस्राएल क स्थाई रूप स लेइ बरे दिहेस।

13 हे यहोवा, तू सदा बरे प्रसिद्ध होब्या।
    हे यहोवा, लोग तोहका सदा सर्वदा याद करत रइहीं।
14 काहेकि यहोवा आपन लोगन बरे निआव लावत ह
    अउर उ आपन सेवकन प तरस खात ह।
15 दूसर रास्ट्रन क लोग बस सोना अउर चाँदी क देवता बनावत रहेन।
    ओनकर देवता मात्र लोगन क जरिये बनाए भए पुतलन रहेन।
16 पुतलन क मुँइ अहइँ, पर बोल नाहीं सकतेन।
    पुतलन क आँखी अहइँ, पर लखि नाहीं सकतेन।
17 पुतलन क कान अहइँ, पर ओनका सुनाई नाहीं देत।
    पुतलन क नाक अहइँ, पर उ पचे साँस नाहीं लेइ सकतेन।
18 उ सबइ लोग जउन ऍन पुतलन क बनाएन, ओन पुतलन क समान होइ जइहीं।
    काहेकि उ सबइ लोग ओन पइ बिस्सास किहेन ह।

19 इस्राएल क संतानन, यहोवा क बड़कई करा।
    हारून क संतानन, यहोवा क बड़कई करा।
20 हे लेवी क संतानन, यहोवा क बड़कई करा।
    तू जउन यहोवा क सम्मान दिहा, यहोवा क बड़कई करा।
21 यहोवा यरूसलेम मँ बास करत ह,
    सिय्योन स ओकर स्तुति होइ।