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यहूदा पर अजर्याह का शासन

15 यहूदा के राजा अमस्याह का पुत्र अजर्याह इस्राएल के राजा यारोबाम के राज्यकाल के सत्ताईसवें, वर्ष में राजा बना। शासन करना आरम्भ करने के समय अजर्याह सोलह वर्ष का था। उसने यरूशलेम में बावन वर्ष तक शासन किया। अजर्याह की माँ यरूशलेम की यकोल्याह नाम की थी। अजर्याह ने ठीक अपने पिता अमस्याह की तरह वे काम किये जिन्हें यहोवा ने अच्छा बताया था। अर्जयाह ने उन सभी कामों का अनुसरण किया जिन्हें उसके पिता अमस्याह ने किया था। किन्तु उसने उच्च स्थानों को नष्ट नहीं किया। इन पूजा के स्थानों पर लोग अब भी बलि भेंट करते तथा सुगन्धि जलाते थे।

यहोवा ने राजा अजर्याह को हानिकारक कुष्ठरोग का रोगी बना दिया। वह मरने के दिन तक इसी रोग से पीड़ित रहा। अजर्याह एक अलग महल में रहता था। राजा का पुत्र योताम राज महल की देखभाल और जनता का न्याय करता था।

अजर्याह ने जो बड़े काम किये वे, यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में लिखे हैं। अजर्याह मरा और अपने पूर्वजों के साथ दाऊद के नगर में दफनाया गया। अजर्याह का पुत्र योताम उसके बाद नया राजा हुआ।

इस्राएल पर जकर्याह का अल्पकालीन शासन

यारोबाम के पुत्र जकर्याह ने इस्राएल में शोमरोन पर छः महीने तक शासन किया। यह यहूदा के राजा अजर्याह के राज्यकाल के अड़तीसवें वर्ष में हुआ। जकर्याह ने वे कार्य किये जिन्हें यहोवा ने बुरा कहा था। उसने वे ही काम किये जो उसके पूर्वजों ने किये थे। उसने नबाद के पुत्र यारोबाम के पापों का करना बन्द नहीं किया जिसने इस्राएल को पाप करने के लिये विवश किया।

10 याबेश के पुत्र शल्लूम ने जकर्याह के विरुद्ध षडयन्त्र रचा। शल्लूम ने जकर्याह को इब्लैम में मार डाला। उसके बाद शल्लूम नया राजा बना। 11 जकर्याह ने जो अन्य कार्य किये वे इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में लिखे हैं। 12 इस प्राकर यहोवा का कथन सत्य सिद्ध हुआ। यहोवा ने येहू से कहा था कि उसके वंशजों की चार पीढ़ियाँ इस्राएल का राजा बनेंगी।

शल्लूम का इस्राएल पर अल्पकालीन शासन

13 याबेश का पुत्र शल्लूम यहूदा के राजा उज्जिय्याह के राज्यकाल के उनतालीसवें वर्ष में इस्राएल का राजा बना। शल्लूम ने शोमरोन में एक महीने तक शासन किया।

14 गादी का मनहेम तिर्सा से शोमरोन आ पहुँचा। मनहेम ने याबेश के पुत्र शल्लूम को मार डाला। तब उसके बाद मनहेम नया राजा हुआ।

15 शल्लूम ने जकर्याह के विरुद्ध षडयन्त्र करने सहित जो कार्य किये, वे सभी इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में लिखे गए हैं।

इस्राएल पर मनहेम का शासन

16 शल्लूम के मरने के बाद मनहेम ने तिप्सह और तिर्सा तक फैले हुये चारों ओर के क्षेत्रों को हरा दिया। लोगों ने उसके लिये नगर द्वार को खोलना मना कर दिया। इसलिये मनहेम ने उनको पराजित किया और नगर की सभी गर्भवतियों के गर्भ को चीर गिराया।

17 गादी का पुत्र मनहेम यहूदा के राजा जकर्याह के राज्यकाल के उनतालीसवें वर्ष में इस्राएल का राजा हुआ। मनहेम ने शोमरोन में दस वर्ष शासन किया। 18 मनहेम ने वे काम किये जिन्हें यहोवा ने बुरा बताया था। मनहेम ने नबात के पुत्र यारोबाम के पापों को करना बन्द नहीं किया, जिसने इस्राएल को पाप करने के लिये विवश किया।

19 अश्शूर का राजा पूल इस्राएल के विरुद्ध युद्ध करने आया। मनहेम ने पूल को पचहत्तर हज़ार पौंड चाँदी दी। उसने यह इसलिये किया कि पूल मनहेम को बल प्रदान करेगा और जिससे राज्य पर उसका अधिकार सुदृढ़ हो जाये। 20 मनहेम ने सभी धनी और शक्तिशाली लोगों से करों का भुगतान करवा कर धन एकत्रित किया। मनेहम ने हर व्यक्ति पर पचास शेकेल कर लगाया। तब मनहेम ने अश्शूर के राजा को धन दिया। अतः अश्शूर का राजा चला गया और इस्राएल में नहीं ठहरा।

21 मनहेम ने जो बड़े कार्य किये वे इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में लिखे हैं। 22 मनहेम मरा और अपने पूर्वजों के साथ दफनाया गया। मनहेम का पुत्र पकह्याह उसके बाद नया राजा हुआ।

इस्राएल पर पकह्याह का शासन

23 मनहेम का पुत्र पकह्याह यहूदा के राजा अजर्याह के राज्यकाल के पचासवें वर्ष में शोमरोम में इस्राएल का राजा हुआ। पकह्याह ने दो वर्ष तक राज्य किया। 24 पकह्याह ने वे काम किये जिन्हें यहोवा ने बुरा कहा था। पकह्याह ने नबात के पुत्र यारोबाम के पापों का करना बन्द नहीं किया जिसने इस्राएल को पाप करने के लिये विवश किया था।

25 पकह्याह की सेना का सेनापति रमल्याह का पुत्र पेकह था। पेकह ने पकह्याह को मार डाला। उसने उसे शोमरोन में राजा के महल में मारा। पेकह ने जब पकह्याह को मारा, उसके साथ गिलाद के पचास पुरुष थे। तब पेकह उसके बाद नया राजा हुआ।

26 पकह्याह ने जो बड़े काम किये वे इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में लिखें हैं।

इस्राएल पर पेकह का शासन

27 रमल्याह के पुत्र पेकह ने यहूदा के राजा अजर्याह के राज्यकाल के बावनवें वर्ष में, इस्राएल पर शासन करना आरम्भ किया। पेकह ने बीस वर्ष तक शासन किया। 28 पेकह वे काम किये जिन्हें यहोवा ने बुरा कहा था। पेकह ने इस्राएल को पाप करने के लिये विवश करने वाले नबात के पुत्र यारोबाम के पाप कर्मों को करना बन्द नहीं किया।

29 अश्शूर का राजा तिग्लत्पिलेसेर इस्राएल के विरुद्ध लड़ने आया। यह वही समय था जब पेकह इस्राएल का राजा था। तिग्लत्पिलेसेर ने इय्योन, अबेल्बेत्माका, यानोह, केदेश, हासोर, गिलाद गालील और नप्ताली के सारे क्षेत्र पर अधिकार कर लिया। तिग्लत्पिलेसेर इन स्थानों से लोगों को बन्दी बनाकर अश्शूर ले गया।

30 एला का पुत्र होशे ने रमल्याह के पुत्र पेकह के विरुद्ध षडयन्त्र किया। होशे ने पेकह को मार डाला। तब होशे पेकह के बाद नया राजा बना। यह यहूदा के राजा उजिय्याह के पुत्र योताम के राज्यकाल के बीसवें वर्ष में हुआ।

31 पेकह ने जो सारे बड़े काम किये वे इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में लिखें हैं।

यहूदा पर योताम शासन करता है

32 उजिय्याह का पुत्र योताम यहूदा का राजा बना। यह इस्राएल के राजा रमल्याह के पुत्र पेकह के राज्यकाल के दूसरे वर्ष में हुआ। 33 योताम जब राजा बना, वह पच्चीस वर्ष का था। योताम ने यरूशलेम में सोलह वर्ष तक शासन किया। योताम की माँ सादोक की पुत्री यरूशा थी। 34 योताम ने वे काम, जिन्हें यहोवा ने ठीक बताया था, ठीक अपने पिता उजिय्याह की तरह किये। 35 किन्तु उसने उच्च स्थानों को नष्ट नहीं किया। लोग उन पूजा स्थानों पर तब भी बलि चढ़ाते और सुगन्धि जलाते थे। योताम ने यहोवा के मन्दिर का ऊपरी द्वार बनवाया। 36 सभी बड़े काम जो योताम ने किये वे यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में लिखे हैं।

37 उस समय यहोवा ने अराम के राजा रसीन और रमल्याह के पुत्र पेकह को यहूदा के विरुद्ध लड़ने भेजा।

38 योताम मरा और अपने पूर्वजों के साथ दफनाया गया। योताम अपने पूर्वज दाऊद के नगर में दफनाया गया। योताम का पुत्र आहाज उसके बाद नया राजा हुआ।