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संगीत निर्देसक बरे “नास जिन करा” धुन पइ दाऊद क उ समइ क एक ठु भक्ति गीत जब साऊल लोगन क दाऊद क घर पइ निगरानी राखत भए ओका मारि डावइ क जुगुत करइ बरे पठए रहा।

हे परमेस्सर, तू मोका मोरे दुस्मनन स बचाइ ल्या
    मोर मदद ओनसे विजयी बनवइ मँ करा जउन मोरे खिलाफ जुद्ध करइ आवा अहइँ।
अइसे ओन लोगन स, तू मोका बचाइ ल्या।
    तू ओन हत्यारन स मोका बचाइ ल्या। जउन बुरे कामन क करत रहत हीं।
लखा! बलवान लोग मोका घात लगाए अहइँ।
    उ पचे मोका मारि डावइ क बाट जोहन अहइँ।
    एह बरे नाहीं कि मइँ कउनो पाप किहेउँ ह या मोसे कउनो अपराध बन पड़ा अहइ।
उ पचे मोरे पाछे पड़ा अहइँ, मुला मइँ कउनो भी बुरा करम नाहीं किहेउँ ह।
    हे यहोवा, आवा! तू खुद अपने आप लख ल्या!
हे परमेस्सर! इस्राएल क परमेस्सर! तू सर्वसक्तिसाली अहा।
    तू उठा अउर ओन लोगन क दण्डित करा।
    ओन बिस्सासघातियन ओन दुर्जन लोगन पइ तनिकउ भी दया जिन देखाँवा।

उ सबइ दुर्जन साँझ क होत ही सहर मँ घुसि आवत हीं।
    उ सबइ लोग गुर्रात कूकुरन स
    सहर क बीच मँ घूमत रहत हीं।
तू ओनकर धमकियन अउर अपमानन क सुना।
    उ पचे अइसी क्रूर बातन कहा करत ही।
    उ सबइ इ बात क चिंता तलक नाहीं करतेन कि ओनकर कउन सुनत ह।

हे यहोवा, तू ओनकर उपहास कइके
    ओन सबहिं लोगन क मजाक बनाइ द्या।
हे परमेस्सर, तू मोर सक्ति अहा, मइँ तोहार बाट जोहत हउँ।
    हे परमेस्सर, तू ऊँचे पहाड़न पइ मोर सुरच्छा क ठउर अहा।
10 परमेस्सर मोहसे पिरेम करत ह, अउर उ जीतइ मँ मोर सहायक होइ।
    उ मोरे दुस्मनन क हरावइ मँ मोर मदद करी।
11 हे परमेस्सर, बस ओनका जिन मार डावा, नाहीं तउ होइ सकत ह मोर लोग बिसरि जाइँ।
    हे मोर सुआमी अउ संरच्छक, तू आपन सक्ती स ओनका छितराइ द्या अउर हराइ द्या।
12 उ सबइ बुरे लोग कोसत अउ झूठ बोलत रहत हीं।
    ओन बुरी बातन क सजा ओनका द्या, जउन उ पचे कहे अहइँ।
    ओनका आपन अभिमान मँ फँसइ द्या।
13 तू आपन किरोध स ओनका बरबाद करा।
    ओनका पूरी तरह बरबाद करा।
लोग तबहिं जनिहीं कि परमेस्सर,
    याकूब क लोगन क अउर उ सारे संसार क राजा अहइ।

14 फुन अगर उ सबइ लोग संझा क एहर ओहर टहरत
    गुर्रातन कूकुरन स सहर मँ आवइँ,
15 तउ उ सबइ खाइ क कउनो क चीज हेरत फिरिहीं,
    अउर खाइ क कछू भी नाहीं पइहीं अउर न ही सोवइ क कउनो ठउर पइहीं।
16 मुला मइँ तोहार बड़कई क गीत गाउब।
    हर भिन्सारे मइँ तोहरे पिरेम मँ आनन्दित होब।
काहेकि तू पर्वतन क ऊपर मोर सरणस्थल अहा मइँ तोहरे लगे आइ सकत हउँ,
    जब मोका विपत्तियन घेरिहीं।
17 मइँ आपन गीतन क तोहरी बड़कइ मँ गाउब
    काहेकि पर्वतन क ऊपर तू मोर सरणस्थल अहा।
    तू परमेस्सर अहा, जउन मोका पिरेम करत ह।